यह भगवान विष्णु का स्परूप है इससे देवता भगवान विष्णु हैं इससे सर्वग्रह शांत होते है ग्रह बाधा के कारण यदि भाग्य साथ न दे तो अवश्य धारण करें यह धारक को बेताल, पिशाच, ब्रह्मराक्षस आदि के भय से निर्भय प्रदान करता है।
दश वक्त्रो महासेन साक्षाद्देवो जनार्दनः।।
हे महासेन ! दशमुखी रुद्राख साक्षात जनार्दन अर्थात् विष्णु का स्वरूप है दशमुखी रुद्राक्ष के धारण करने से मनुष्य के सर्व ग्रह शांत रहते हैं और पिशाच, बेताल, ब्रह्मराक्षस, सर्प इत्यादि का भय नहीं होता। ऐसी मान्यता है कि भगवान् विष्णु के दसों अवतारों की शक्ति इसमें सन्निहित होती है। यह रुद्राक्ष सभी प्रकार की बांधाओं का नाश कर, सुख, शांति व समृद्धि का प्रदाता है। यह रुद्राक्ष तुला और मकर लग्न के जातकों के लिए अत्यधिक लाभकारी माना गया है।
उपयोग से लाभ
दशमुखी रुद्राक्ष धारण करने से लौकिक एवं परलौकिक कामनायें पूर्ण होती हैं तथा सामाजिक कीर्ति एवं सम्मान प्राप्त होता है।
दशमुखी रुद्राक्ष धारण करने से दशोंइन्द्रियों से किया गया पाप नष्ट होता है तथा पुण्य का उदय होता है।
दशमुखी रुद्राक्ष समाजसेवक, वकील, नेता, कलाकार, कवि, लेखक, कृषक आदि के लिए धारण करना लाभदायक माना गया है।
दशमुखी रुद्राक्ष क्षत्रीय वर्ण के पुरुषों के लिए वीरता प्रदान करता है एवं उनके कार्यो की सफलता हेतु सहयोग प्रदान करता है।