उपरत्न
कटैला, काला हकीक, काला स्टार, लाजवृतयह एक मूल्यवान खनिज पत्थर है। नीलम, नीला, हल्का नीला, आसमानी या बैंगनी रंग का होता है। यह भारी पारदर्षी पत्थर है। लेकिन कुछ स्थानों पर मिलने वाले नीलम गहरे रंग के होते है था इनमें पारदर्षिता कम होती है। नीलम के अन्दर चीर-फाड़, दाग-धब्बे, धुंधलापन तथा जाला भी पाया जाता है। जितना दाग कम पाया जाता है। नीलम उतना महंगा हो जाता है। बिना दाग के नीलम की कीमत बहुत अधिक होती है। नीलम बर्मा, श्रीलंका, बैंकाक, भारत, आस्ट्रेलिया तथा अन्य कई देशों में पाया जाता है। भारत में कष्मीर तथा उत्तराखण्ड के पहाड़ों में नीलम की खाने है। नीलम शनि ग्रह का प्रतिनिधि रत्न है, अतंः नीलम पहनने से शनि संबंधित समस्त दोष दूर हो जाते है। मकर तथा कुम्भ राषि वालो को नीलम पहनना अति शुभकारी होता है। नीलम के बारे में कहा जाता है कि यह अपना प्रभाव शीघ्र दिखाता है। नीलम का प्रभाव शुभ तथा अषुभ दोनों प्रकार का होता है। इसलिए नीलम अंगूठी में धारण करने से पहले बाजू में कपड़ें से बांध कर दो दिन तक रखना चाहिए। इसके अलावा नीलम का उपरत्न भी नीलम धारण करने से पहले कुछ समय के लिए धारण करना चाहिए। रात को सोते समय यदि शुभ स्वप्न आए या शुभ समाचार मिले तो नीलम आपके लिए शुभ माना जाएगा। यदि विपरीत परिस्थितियॅा बने तो नीलम अशुभ माना जाएगा। नीलम यदि अनुकूल पड़े तो धन-धान्य, सुख सम्पति, मान,सम्मान, यश गौरव, आय वृद्धि, बल तथा वंष की वृद्धि होती है। नीलम के बारे में कहा जाता है। यदि अनुकूलन पड़े तो भिखारी को भी रातों रात राजा बना देता है।