रुद्राक्ष माला सभी प्रकार के सिद्धियों एवं जप के लिए सर्वोत्तम माना गया है रुद्राक्ष माला पर सभी प्रकार के जप किये जा सकते हैं तथा बाल्यावस्था से लेकर वृद्धवस्था तक के सभी व्यक्तियों के लिए रुद्राक्ष माला सर्वोपरि माना गया है। धारण करने के लिए एक दाने से लेकर 108 दाने तक माला धारण की जाती है तथा जप के लिए 27 दानें से लेकर 1008 दानें तक की माला उपयोग में लायी जाती है। आवश्यकता एवं इच्छानुसार एक से अनेक दानों तक की माला धारण की जा सकती है।
शास्त्रों में प्रमाण मिलता है कि शरीर के अनेक अंग में रुद्राक्ष अधिक से अधिक धारण करने से ज्यादा लाभ मिलता है असली रुद्राक्ष माला धारण करने से रक्त चाप, वीर्य दोष मिला होता है बौद्विक विकास एवं मानसिक शान्ती होती है व्यापार आदि में लाभ होता है। सभी वर्गो के लिए सम्मान एवं कीर्ति प्राप्त होती है। रुद्राक्ष माला के अनेक लाभ
ऊदर तथा गर्भाशय से रक्तचाप तथा हृदय रोग से सम्बन्धित अनेक बिमारियों के लिए छः मुखी रुद्राक्ष की माला को हाँडी में पानी डालकर भिगोये रखें प्रत्येक 24 घंटे पश्चात यह रुद्राक्ष का जल खाली पेट प्रातःकाल पीते रहें निश्चित लाभ होगा। मस्तिष्क सम्बन्धी विकारों से पीड़ित व्यक्तियों तथा मस्तिष्कीय कार्य करने वाले लोगां को शक्ति प्राप्ति के लिए चारमुखी रुद्राक्ष की माला चाँदी के किसी बरतन में पानी डालकर भिगोये रखना चाहिए। प्रत्येक 24 घंटे के अन्तराल से यह रुद्राक्ष जल प्रातः खाली पेट पियें। यह प्रयोग चमत्कारी प्रभाव प्रकट करता हैं।